Sunday, June 26, 2011

Dialogue

rrp

दिल की बात तो आधी भी कह ना पाये
चलो अब कोई झूठी कहानी पूरी सुनाये!
(-लोग शायरी से जियादा novel पसंद करते हैं!)

rrp

कुछ मौसम की पूछताछ.. रोज मर्रा के चंद सवाल
ऐ दोस्त! क्या यह गुफ्तगू हैकभी तो पूछ, दिल का अहवाल!
पूछने से भी तसल्ली होगी, गर सुनने की फुरसत नहीं

rrp

कुछ मौसम की पूछताछ.. रोज मर्रा के चंद सवाल
ऐ दोस्त! क्या यह गुफ्तगू हैकभी तो पूछ, दिल का अहवाल!
एक फकत तू ही तो है.. और किसी से यह उम्मीद कहाँ

rrp

तनहाई और बेजुबानी..
..बेसूरी हो चली है ज़िंदगी
सहेला रे, आवो मिल गाये..

rrp

जो मै लिखूँ, वो तुम पढो!
और मै सुनूँ, जो तुम कहो!!
(मै जानूँ तुम्हें, तुम मुझे पहचानो!!!)

rrp

हमेशा की तरह हमें यह शिकायत है -
अभी कुछ कहा भी नहीं.. कुछ सुना भी नहीं..
..और आप को जिद है - बात खत्म करें!

rrp

कुछ कहना है!
तुम्हें सुनना है?
(-कहानी मना है!!)

rrp

दिल की बात कहना है!
तुम से भी तो सुनना है!!
(-बात चले तो हालात बदले!!!)

rrp

मै
तू
हम!

rrp

-  संदीप  मसहूर


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