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दिल की बात तो आधी भी कह ना पाये
चलो अब कोई झूठी कहानी पूरी सुनाये!
(-लोग शायरी से जियादा novel पसंद करते हैं!)
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कुछ मौसम की पूछताछ.. रोज मर्रा के चंद सवाल
ऐ दोस्त! क्या यह गुफ्तगू है? कभी तो पूछ, दिल का अहवाल!
पूछने से भी तसल्ली होगी, गर सुनने की फुरसत नहीं
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कुछ मौसम की पूछताछ.. रोज मर्रा के चंद सवाल
ऐ दोस्त! क्या यह गुफ्तगू है? कभी तो पूछ, दिल का अहवाल!
एक फकत तू ही तो है.. और किसी से यह उम्मीद कहाँ
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तनहाई और बेजुबानी..
..बेसूरी हो चली है ज़िंदगी
सहेला रे, आवो मिल गाये..
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जो मै लिखूँ, वो तुम पढो!
और मै सुनूँ, जो तुम कहो!!
(मै जानूँ तुम्हें, तुम मुझे पहचानो!!!)
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हमेशा की तरह हमें यह शिकायत है -
अभी कुछ कहा भी नहीं.. कुछ सुना भी नहीं..
..और आप को जिद है - बात खत्म करें!
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कुछ कहना है!
तुम्हें सुनना है?
(-कहानी मना है!!)
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दिल की बात कहना है!
तुम से भी तो सुनना है!!
(-बात चले तो हालात बदले!!!)
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मै
तू
हम!
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- संदीप मसहूर
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