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चेहरा तो देखा होगा अब पढ लो दिल की बात..
जुबाँ समझने से पहले सुन लो मेरी खामोशियाँ..
मेरी पहचान की खातिर जान लो मेरे ख्वाब भी!
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अपने को नींद के हवाले कर देना..
- यह इक रास्ता है गमों से छूट ने का!
ऐ ख्वाब की दुनिया, मै आ रहा हूँ!
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चैन की नींद हो ख्वाबों के साथ साथ..
-यहीं सपना लिये जागे है रह रात!
काश, नींद की तरह ख्वाबों की भी गोलियां होती
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मत पूछ की कल रात मै ने क्या क्या ख्वाब देखे
- हो सके तो दुवा करो की ख्वाब सच में उतरें
इतनी दुवा दे ही दो - ख्वाबोंबिना कोई रात नींद न हो
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शाम की चौखट पे रात खडी है
रात के पहलू में नींद की घडी है
नींद में सपने, चौखट से बाहर के!
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दिन ढला.. शाम गयी.. रात आयी..
नींद आयी, सपनों की बारात लायी!
(नींद से जगावो पर ख्वाबों से नहीं!)
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उस के ख्वाबों का सिलसिला खत्म हुवा
- अब हम को बिस्तर से निकल जाना चाहिये!
आऊंगा, रात वापस यहीं लौटकर आऊंगा!!
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बीती बातें, गुजरी रातें भूल जाये तो बेहतर
उम्मीदें जगायें, सुनहरे ख्वाब सजायें तो बेहतर
(पर क्या हो पायेगा इस से आज का जीना बेहतर?)
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याद नहीं उस का नाम, सूरत..
-ख्वाब में मिली थी वोह मुझ से
ख्वाब तो हमेशा धुंधले ही होते हैं
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ऑंखों में नींद.. नींदों में ख्वाब.. ख्वाबों में वह..
उसी पे दिल..दिल में प्यार.. प्यार में उम्मीदें..
मगर इन उम्मीदों पे यकीं कभी तो आयें!
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- संदीप मसहूर
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