Monday, June 27, 2011

General


rrp

आज फजाँ में कुछ तपिश सी है
अखबार में मौसम का समाचार देखो..
इक झोपडपट्टी जलकर राख हुई

rrp

ऑंखों में सूनापन.. चेहरा गुमशुदा सा..
उसे किसी चीज की अब हसरत नहीं है
जिंदगी में उस ने बहुत कुछ खोया होगा

rrp

मिट्टी की सडक डामर की हो चुकी है
गाँव की शक्ल अब शहर की हो चुकी है !
-मेरे बचपन की निशानियां भी खो चुकी है !

rrp

मेरी जिंदगी है आम दायरे के बाहर
मेरा घर भी है शहर से अलग-थलग
आम राह-मकानों में क्यूं मै क़ैद हो जाउं?

rrp

अजनबी लगने लगी है गलियां.. शहर अनजाना सा..
वक्त के साथ साथ सब कुछ बदल गया शायद !
और हम ही एक पिछले मोड पे रुके हुये है कब से!!

rrp

सारे दिन एक समान, फिर भी कुछ खास
त्यौहार है, त्यौहार का जश्न मनाया जायें!
(-लोग सिर्फ त्यौहार मनाते है, धरम निभाते नहीं!!)

rrp

पुराने गाने
नये गाने
रिमिक्स गाने!

rrp

पीछे कुछ छुटा है.. आगे कोई उम्मीद है..
रास्ते में हुं, हर पल यहीं मंजर हैं
थक गया हुं, अब कोई तो मुकाम आये..

rrp

घर से भाग चला हूँ..
सफर पे निकला हूँ..
(काश, लौटना न पड़े)

rrp

हिंदुस्तान
पाकिस्तान
बांग्लादेश!

rrp

इन दिनों सभी को मुझ से एक शिकायत है -
इन दिनों कुछ कहा-सुना नहीं, कुछ लिखा भी नहीं
- वक्त पहले जैसा ही होता तो अलग बात होती!

rrp

कुछ मांगा था हम ने, आप से.. खुदा से.. जमाने से..
कुछ हसरत ही रही मगर कुछ मुझे मिला भी हैं
फिर मेरे फितरत में फकत यह नाराजगी क्यों?

rrp

कुछ मांगा था हम ने, आप से.. खुदा से.. जमाने से..
हकीकत तो यह है कि हथेली खुली भी है और खाली भी
याद नहीं - सब कुछ खो दिया या कुछ पाया ही नहीं

rrp

-  संदीप  मसहूर

1 comment: